Aarti Sangrah

Govardhan Aarti | Govardhan Puja Aarti Lyrics

श्री गोवर्धन आरती

गोवर्धन ( Govardhan ) पूजा कार्तिक माँस के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को की जाती है | गोवर्धन पूजा ( Govardhan Puja ) दीपावली ( Diwali ) के ठीक दूसरे दिन होती है | इस पूजा के लिए गोवर्धन ( Govardhan ) बनाया जाता है | गौ + बरधन अर्थात गोवर्धन इस दिन गायो के गोवर से बने गोबर्धन की बिशेष पूजा की जाती है |इस दिन घर के आँगन मे बड़ा सा सुन्दर गोवर्धन ( Govardhan ) बनाकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है| और घी ,दूध ,कुमकुम, रोली,अक्षत,से श्री गिरिराज जी ( Krishna Govardhan ) की उपासना की जाती है | और दूध की धार लेकर गोवर्धन ( Krishna Govardhan ) की परिक्रमा लगाई जाती है |  सहपरिवार उनके हाथ जोड़कर उनकी पूजा के उपरांत आरती ( Govardhan Aarti ) की जाती है | आरती ( Govardhan Ji Ki Aarti ) करना अतिमहत्ब्पूर्ण होता है | आरती ( Govardhan Aarti ) करने के बाद ही पूजा पूरी मानी  जाती है  जय श्री गोबर्धन महाराज |

GOVARDHAN AARTI IN ENGLISH

Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj|Tere Mathe Mukut Viraj Raho ||2 Tope Paan Chadhe Tope Phool Chadhe, Tope Paan Chadhe Tope Phool Chadhe | Aur Chadhe Dudh Ki Dhaar, O Dhaar, Tere Mathe Mukut Viraj Raho| Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj|Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Teri Saat Kos Ki Parikrama, Teri Saat Kos Ki Parikrama| Aur chakleshwar Vishram, Vishram, Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj| Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Tere Gale Main Kanta Saj Raho, Tere Gale Main Kanta Saj Raho| Aur Thodi per Hiralal, O Lal, Tere Mathe Mukut Viraj Raho| Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj| Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Tere Kanan Kundal Chamak raho, Tere Kanan Kundal Chamak raho| Teri Jhanki Bani Vishal O Vishal, Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj| Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Giriraj Dharan Prabhu Teri Sharan, Giriraj Dharan Prabhu Teri Sharan | Karo Bhakt Ka Beda Paar, O Paar, Tere Mathe Mukut Viraj Raho | Shri Govardhan Maharaj, O Maharaj| Tere Mathe Mukut Viraj Raho |
 

GOVARDHAN JI KI AARTI IN HINDI

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो ।2 तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े | और चढ़े दूध की धार, ओ धार, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | तेरी सात कोस की परिक्रमा, तेरी सात कोस की परिक्रमा | और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | तेरे गले में कंठा साज रहेयो, तेरे गले में कंठा साज रहेयो | ठोड़ी पे हीरा लाल, ओ लाल, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | तेरे कानन कुंडल चमक रहेयो, तेरे कानन कुंडल चमक रहेयो| | तेरी झांकी बनी विशाल, ओ विशाल, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण, गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण | करो भक्त का बेड़ा पार, ओ पार, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो | श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेयो |